भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

प्रखर मालवीय 'कान्हा'

1,300 bytes added, 22:25, 17 सितम्बर 2016
*[[पिछली तारीख़ का अख़बार सम्हाले हुये हैं / प्रखर मालवीय 'कान्हा']]
*[[मैं न सोया रात सारी, तुम कहो / प्रखर मालवीय 'कान्हा']]
*[[कहीं जीने से मैं डरने लगा तो...? / प्रखर मालवीय 'कान्हा']]
*[[अब तलक ये समझ न पाए हम / प्रखर मालवीय 'कान्हा']]
*[[ख़ला को छू के आना चाहता हूँ / प्रखर मालवीय 'कान्हा']]
*[[तीरगी से रौशनी का हो गया / प्रखर मालवीय 'कान्हा']]
*[[सितम देखो कि जो खोटा नहीं है / प्रखर मालवीय 'कान्हा']]
*[[इश्क़ का रोग भला कैसे पलेगा मुझसे / प्रखर मालवीय 'कान्हा']]
*[[मैं भी गुम माज़ी में था / प्रखर मालवीय 'कान्हा']]
*[[वो मिरे सीने से आख़िर आ लगा / प्रखर मालवीय 'कान्हा']]
*[[हरीफ़ों से मिले रहना / प्रखर मालवीय 'कान्हा']]
*[[सागर भी तो क़तरा निकला / प्रखर मालवीय 'कान्हा']]