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"पीने दें मयकशों को जहाँ भी पिया करें / दीपक शर्मा 'दीप'" के अवतरणों में अंतर
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पीने दें मयकशों को जहाँ भी पिया करें | पीने दें मयकशों को जहाँ भी पिया करें | ||
− | सज़दा-वुजू करें न करें , बस दोआ करें | + | सज़दा-वुजू करें न करें, बस दोआ करें |
− | वे ख़ैरख़्वाह लोग ही उसके | + | वे ख़ैरख़्वाह लोग ही थे उसके क़त्ल में |
− | अच्छा है इस शहर से ज़रा फ़ासला करें | + | अच्छा है इस शहर से ज़रा फ़ासला करें |
कानों ने क्या सुना था ज़बानों ने क्या कहा | कानों ने क्या सुना था ज़बानों ने क्या कहा | ||
− | इन्सानियत घटी है यहाँ कम मिला करें | + | इन्सानियत घटी है यहाँ कम मिला करें |
− | रूपोश फिर रहे हैं , रिसायत के बादशाह ? | + | रूपोश फिर रहे हैं, रिसायत के बादशाह ? |
− | गद्दी पे फिर ये कौन है | + | गद्दी पे फिर ये कौन है, चलिये पता करें |
अम्ने-जहाँ को झोंक दी अपनी जवानियाँ | अम्ने-जहाँ को झोंक दी अपनी जवानियाँ | ||
इससे ज़ियादा 'दीप' भला और क्या करें ? | इससे ज़ियादा 'दीप' भला और क्या करें ? | ||
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00:34, 19 सितम्बर 2016 के समय का अवतरण
पीने दें मयकशों को जहाँ भी पिया करें
सज़दा-वुजू करें न करें, बस दोआ करें
वे ख़ैरख़्वाह लोग ही थे उसके क़त्ल में
अच्छा है इस शहर से ज़रा फ़ासला करें
कानों ने क्या सुना था ज़बानों ने क्या कहा
इन्सानियत घटी है यहाँ कम मिला करें
रूपोश फिर रहे हैं, रिसायत के बादशाह ?
गद्दी पे फिर ये कौन है, चलिये पता करें
अम्ने-जहाँ को झोंक दी अपनी जवानियाँ
इससे ज़ियादा 'दीप' भला और क्या करें ?