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{{KKRachna
|रचनाकार=इब्तिसाम बरकत
|अनुवादक=मणिमोहनमणि मोहन
|संग्रह=
}}
हमारी छाती के भीतर
बढ़ते हुए ।
'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : मणि मोहन मेहता'''
</poem>