भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
अरे, यदि आप समझे यह सभी,
कि ये तो नहीं हैं केवल शब्द ही,
कैसिकैसी-कैसी यातनाओं से हम बचें, यह सही!
और ये तो नहीं हैं कोरे शब्द ही!
'''मूल रूसी से अनुवाद : रामनाथ व्यास ’परिकर’'''
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,637
edits