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"उधोराम ‘झखमार’ / परिचय" के अवतरणों में अंतर

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प्रारम्भ में ये स्कूल शिक्षक थे बाद में दर्जी का कार्य करने लगे। इनकी रचनाओं में मोर रेडियो बइहा होगे, गँवइया हीरो, कौमी एकता, भूत पुरान इत्यादि हैं। झखमार जी सर्वहारा वर्ग के कवि थे। हास्य कविताओं के सृजन में इनका नाम कोदूराम दलित के बाद आता है।