भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"गिरिवरदास वैष्णव / परिचय" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
('{{KKRachnakaarParichay |रचनाकार=अमृतलाल दुबे }} <poem> '''संंक्षिप्त परि...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
|||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{KKRachnakaarParichay | {{KKRachnakaarParichay | ||
− | |रचनाकार= | + | |रचनाकार=गिरिवरदास वैष्णव |
}} | }} | ||
<poem> | <poem> |
21:05, 22 अक्टूबर 2016 के समय का अवतरण
संंक्षिप्त परिचय
कवि गिरिवरदास वैष्णव जी का जन्म 1897 में रायपुर जिला के बलौदाबाजार तहसील के गांव मांचाभाठ में हुआ था। उनके पिता हिन्दी के कवि रहे हैं, और बड़े भाई प्रेमदास वैष्णव भी नियमित रुप से लिखते थे।
गिरिवरदास वैष्णव जी सामाजिक क्रांतिकारी कवि थे। अंग्रेजों के शासन के खिलाफ लिखते थे -
अंगरेजवन मन हमला ठगके
हमर देस मा राज करया
हम कइसे नालायक बेटा
उंखरे आ मान करया।
उनकी प्रसिद्ध छत्तीसगढ़ी कविता संग्रह "छत्तीसगढ़ी सुनाज" के नाम से प्रकाशित हुई थी। उनकी कविताओं में समाज के झलकियाँ मिलती है। समाज के अंधविश्वास, जातिगत ऊँत-नीच, छुआछूत, सामंत प्रथा इत्यादि के विरोध में लिखते थे।