भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"मयारू ल संदेश / मुरली चंद्राकर" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मुरली चंद्राकर |संग्रह= }} {{KKCatGeet}} <poem>...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

22:43, 24 अक्टूबर 2016 के समय का अवतरण

ऐठी मुरी पागा मखमली कुरता
हिचकी म समागे मयारू सुरता
दहरा के मछरी के भाठा म मोल
चट्काही मिठलबरा होगे अनमोल

चाउर चिला बंगाला चटनी
दही बोरे बरा बैरी बर मुह देखनी
पापर बिजौरी हे पाकी पकवान
घिवहा सोहारी हे तेलहा अथान

टिहकी चिरैया के लेवथे परान
पलका बिछौना राखे हे बीरो पान
पानी पिरितिया के लेखा न लिखान
चोरो-बोरो मया होगे चटनी चटान