भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"चौरा मा गोंदा रसिया / लक्ष्मण मस्तुरिया" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लक्ष्मण मस्तुरिया |संग्रह= }} {{KKCatGeet}}...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

22:54, 28 अक्टूबर 2016 के समय का अवतरण

चौरा मा गोंदा रसिया
मोर बारी म पताल रे

लाली गुलाली रंग छिचत अईबे
राजा मोर छिचत अईबे
छिचत अईबे रसिया
मै रैइथव छेव पारा म पूछत अईबे
पूछत अईबे रसिया

चौरा मा गोंदा रसिया
मोर बारी म पताल रे

परछी दुवारी म ठारेच रइहव
जोड़ी मोर ठारेच रइहव
ठारेच रैइहव रसिया
मन मा घलो मा
दिया ल बरेच रइहव
बरेच रइहव रसिया

चौरा मा गोंदा रसिया
मोर बारी म पताल रे

गली मा आँखी ल बिछाए रइहव
धनी मोर बिछाए रइहव
बिछाए रइहव रसिया
आके म नई लेबे रे रिसाये रइहव
रिसाये रइहव रसिया

चौरा मा गोंदा रसिया
मोर बारी म पताल रे