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11:29, 23 नवम्बर 2016 के समय का अवतरण
यदि वास्तविक है
इस लैम्प से
आता सफेद प्रकाश,
है वास्तविक
लिखने वाला हाथ,
तो क्या
वास्तविक हैं वे आँखें
जो देख रही हैं कि मैंने क्या लिखा।
एक शब्द से दूसरे तक
जो मैं कहता हूँ हो जाता है विलीन।
मैं जानता हूँ कि मैं हूँ जीवित
दो कोष्ठकों के बीच।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : बालकृष्ण काबरा ’एतेश’