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"माँ - 4 / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर

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प्यार के अनेक  रूप है
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पर, ममता की बराबरी
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कौन कर सका
  
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माँ तुम्हारा  कलेजा
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कितना बडा है
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यह मैं तब देखता हूँ
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जब तुम
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चीटियों के लिए
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आटा डालती हो
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और उनके लिए भी
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ईश्वर से दुआ माँगती हो
 
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22:50, 1 जनवरी 2017 के समय का अवतरण

समुद्र की गहराई
कौन नाप सका
कौन भाँप सका
पृथ्वी की
अपार सृजन-शक्ति
प्यार के अनेक रूप है
पर, ममता की बराबरी
कौन कर सका

माँ तुम्हारा कलेजा
कितना बडा है
यह मैं तब देखता हूँ
जब तुम
चीटियों के लिए
आटा डालती हो
और उनके लिए भी
ईश्वर से दुआ माँगती हो