भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"मुर्दा पाया गया हूं / योगेंद्र कृष्णा" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=योगेंद्र कृष्णा |संग्रह=कविता के...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

13:12, 30 जनवरी 2017 के समय का अवतरण

वो तो मेरे दुश्मनों ने
मुझे बताया
कि मैं अकाल मारा गया हूं

कि जो रास्ता
दोस्तों की तरफ जाता है
उसी पर मुर्दा पाया गया हूं

वरना मैं तो
हमेशा की तरह खुश था
कि दुश्मनों की गलियों से
इस बार भी
जिंदा निकल आया हूं...