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"गळगचिया (10) / कन्हैया लाल सेठिया" के अवतरणों में अंतर

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एक छांट पड़ी’र दूजी छांट पड़ी, बादळियो अरड़ाट कर’र ओसर ग्यो।
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आभो बोल्यो-अरै तूं तो माल मलीदो बांध’र ऊपर ल्यायो हो नीं? पाछो नीचै ही किंया खिंडा दियो?
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बादळ कयो- ऊपरां कठेई मेलण नै ठौड ही को लादी नीं, बोझायो कती’क ताळ मरै हो?
 
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15:53, 4 मार्च 2017 के समय का अवतरण

एक छांट पड़ी’र दूजी छांट पड़ी, बादळियो अरड़ाट कर’र ओसर ग्यो।

आभो बोल्यो-अरै तूं तो माल मलीदो बांध’र ऊपर ल्यायो हो नीं? पाछो नीचै ही किंया खिंडा दियो?

बादळ कयो- ऊपरां कठेई मेलण नै ठौड ही को लादी नीं, बोझायो कती’क ताळ मरै हो?