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"मोक्ष / मनप्रसाद सुब्बा" के अवतरणों में अंतर
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म जन्मेदेखि यता कति जुनी काटिसकें | म जन्मेदेखि यता कति जुनी काटिसकें | ||
जीवन दुःख हो जान्दाजान्दै | जीवन दुःख हो जान्दाजान्दै |
14:30, 16 मार्च 2017 के समय का अवतरण
म जन्मेदेखि यता कति जुनी काटिसकें
जीवन दुःख हो जान्दाजान्दै
जन्महरू स्वीकारें
जन्मदेखि मृत्युसम्म तानिएको डट डट डट डट –का चुनौतीहरू
स्वीकारें
यसो गर्ने आँट
मैले यौटा विश्वासबाट पाएँ –
प्रेमभित्रको विश्वास !
यौटा साँच्चो प्रेम
जो साँच्चै नै हुन्छ।
त्यसको हुनुलाई
शङ्काहरूले डसेर नीलो पारे तापनि
त्यै नीलोबाट फेरि निस्किआउँछ त्यसको हुनुको सत्य
हिजो यौटा भाला रोपिएर एक जुनी मरेको थिएँ।
आज फेरि
विश्वासको शुक्राणुहरूबाट
यो अर्को जुनी स्वीकारेर आएँ
अनि,
आह! प्रेम !
तिमी साँच्चै हुनुको प्रमाणहरू आँखाभरि पाएँ।
अब फेरि फेरि मैले जन्मिनु पर्दैन।
मैले
मोक्ष
पाइसकें ।