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"त्यो बग्दो ऐना / मनप्रसाद सुब्बा" के अवतरणों में अंतर
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14:43, 16 मार्च 2017 के समय का अवतरण
तिम्रा आँखाबाट
चुपचाप चुहिएका
थोपा
थोपा
शब्द-
हरूले
मेरो संवेदनाको वाफ यस्तरी पखालिदियो
कि त्यो त सङ्लो पानीको ऐना भइदियो
त्यो तरल ऐनामा थियो
तिम्रै तातो अनुहार
अनि त्यो अनुहारको आँखामा चाहिं
मेरो आफ्नै अनुहार !