भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"गळगचिया (60) / कन्हैया लाल सेठिया" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
आशीष पुरोहित (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कन्हैया लाल सेठिया |अनुवादक= |संग...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
आशीष पुरोहित (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 8: | पंक्ति 8: | ||
{{KKCatRajasthaniRachna}} | {{KKCatRajasthaniRachna}} | ||
<poem> | <poem> | ||
+ | एक दिन पून्न‘र पाप अचाणचूका ही एक चौरस्तै पर आ मिल्या पून्न साव उघाड़ो हो‘र पाप लँगोट बाँघ राखी ही, | ||
+ | पाप बोल्यो पून्न तनै नागै फिरतै न थोड़ी घणी ही लाज कोनी आवै केे ? पून्न कयो पाप जकी बगत ही तूँ म्हारै मन में आसी में ही थाँकाळी जिंया ढ़क्यो ढ़ुम्यो रया करस्यूँ । | ||
</poem> | </poem> |
16:16, 17 मार्च 2017 के समय का अवतरण
एक दिन पून्न‘र पाप अचाणचूका ही एक चौरस्तै पर आ मिल्या पून्न साव उघाड़ो हो‘र पाप लँगोट बाँघ राखी ही,
पाप बोल्यो पून्न तनै नागै फिरतै न थोड़ी घणी ही लाज कोनी आवै केे ? पून्न कयो पाप जकी बगत ही तूँ म्हारै मन में आसी में ही थाँकाळी जिंया ढ़क्यो ढ़ुम्यो रया करस्यूँ ।