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"आहट / आभा पूर्वे" के अवतरणों में अंतर

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13:45, 31 मार्च 2017 के समय का अवतरण

वह एक आहट थी
या तुम्हारा आगमन
मन में वासंती फूल
खिल-खिलकर
महक उठे थे
और
खो गई थी कहीं
गोकुल की गलियों में ।