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"बढ़ती जाए मेरी अलोकप्रियता / कुमार सौरभ" के अवतरणों में अंतर

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इज़ाफा होता रहे दुश्मनों में मेरे
 
इज़ाफा होता रहे दुश्मनों में मेरे
 
यही उचित अनुपात है।
 
यही उचित अनुपात है।
 
 
बढ़ता जाए मेरा प्यार इस दुनिया से
 
बढ़ता जाए मेरा प्यार इस दुनिया से
 
इसे सुंदर बनाने वाले अवयवों से
 
इसे सुंदर बनाने वाले अवयवों से

20:42, 13 अप्रैल 2017 के समय का अवतरण

मुझे चाहने वाले बहुत कम हों
इज़ाफा होता रहे दुश्मनों में मेरे
यही उचित अनुपात है।
बढ़ता जाए मेरा प्यार इस दुनिया से
इसे सुंदर बनाने वाले अवयवों से
विचारों से
प्रयासों से
जीवन से
प्रकृति से
निरंतर खोजे जा रहे सच से
बढ़ती जाए मेरी अलोकप्रियता !