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"एक कविता उदासी की / कुमार सौरभ" के अवतरणों में अंतर
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घर की राजकुमारियों की तरह | घर की राजकुमारियों की तरह |
20:52, 13 अप्रैल 2017 के समय का अवतरण
बचपन में दादी
सुनाती थी एक कहानी
सफ़ेद घोड़ी पर चढ़कर
एक राजकुमार आता था
और अपनी प्रिय राजकुमारी को
ब्याह कर ले जाता था राजमहल
उस उदास लगने वाले
घर के सामने से
लेकिन भूल से भी
कोई राजकुमार नहीं गुजरता
ऐसा नहीं है कि
इस घर की राजकुमारियों में कोई कमी है
सिवाय इसके कि
इस घर से लक्ष्मी रहती है उदास
घर की राजकुमारियों की तरह
जिनके सपनों में भी नहीं होता
सफ़ेद घोड़ी वाला राजकुमार
सपने भी तब आते हैं
जब तकिये के नीचे नगद हो !