भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"तुझे पाया अपने को खोकर / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
 
पंक्ति 16: पंक्ति 16:
 
|विविध=--
 
|विविध=--
 
}}
 
}}
<sort order="asc" class="ul">
+
 
*[[तुझे पाया / गुलाब खंडेलवाल]]
+
*[[गीत जा रहे गगन के पार / गुलाब खंडेलवाल]]
+
*[[सत्य कहना, हे जगदाधार! / गुलाब खंडेलवाल]]
+
 
*[[कहाँ जायेगी यह झंकार / गुलाब खंडेलवाल]]
 
*[[कहाँ जायेगी यह झंकार / गुलाब खंडेलवाल]]
 +
*[[गीत जा रहे गगन के पार / गुलाब खंडेलवाल]]
 
*[[तुझको नमन करूँ सौ बार / गुलाब खंडेलवाल]]
 
*[[तुझको नमन करूँ सौ बार / गुलाब खंडेलवाल]]
 
+
*[[तुझे पाया / गुलाब खंडेलवाल]]
</sort>
+
*[[सत्य कहना, हे जगदाधार! / गुलाब खंडेलवाल]]

10:50, 20 अप्रैल 2017 के समय का अवतरण

तुझे पाया अपने को खोकर
General Book.png
क्या आपके पास इस पुस्तक के कवर की तस्वीर है?
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
रचनाकार गुलाब खंडेलवाल
प्रकाशक
वर्ष
भाषा हिन्दी
विषय
विधा गीत
पृष्ठ
ISBN
विविध
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।