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ग्वाल
,|नाम=ग्वाल
|उपनाम=
|जन्म= 1791|जन्मस्थान= वृंदावन |कृतियाँ= , उत्तर प्रदेश|मृत्यु=1871 |विविधकृतियाँ=रीतिकाल के इनके लिखे चौदह ग्रंथ मिलते हैं। इनमें प्रसिद्ध कृतियाँ हैं रसिकानन्द, साहित्यानन्द, रसरंग, अलंकार भ्रमभंजन, दूषणदर्पण (कवि दर्पण) तथा प्रस्तार प्रकाश।|सम्पर्कविविध=रीतिकाल के कवि। रीतिकाल के अन्तिम आचार्य माने जाते हैं।
|जीवनी=[[ग्वाल / परिचय]]
|अंग्रेज़ी नामअंग्रेज़ीनाम=Gwal, Gwaal, GvaalKavi|shorturl=|gadyakosh=|copyright=
}}
* [[को रति है अरु कौन रमा उमा छूटी लटैँ निचुरैँ गुयीँ मोती / ग्वाल]]
* [[झर झर झाँपै बड़े दर दर ढ़ाँपै नापै / ग्वाल]]
* [[जैसे कान्ह जान तैसे उद्धव सुजान आए / ग्वाल]]