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"बूढ़ी माँ / दिविक रमेश" के अवतरणों में अंतर
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− | बूढ़ी माँ | + | आओ बच्चो आओ चलकर |
− | + | बूढ़ी माँ की मदद करें हम | |
− | + | चलो उड़ा दें दानों पर से | |
− | + | बजा बजा कर ताली हम तुम | |
− | + | वर्ना सोचो क्या खाएगी | |
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− | + | चिड़ियों की यह फौज नहीं तो | |
− | + | सब दानें चट कर जाएगी। | |
− | + | आओ बच्चो आओ चलकर | |
− | + | बूढ़ी माँ का काम करें हम | |
− | + | नहीं हैं बच्चे उनके घर में | |
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− | बूढ़ी माँ का काम करें हम | + | |
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चलो न चलकर काम करें हम | चलो न चलकर काम करें हम | ||
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21:58, 12 मई 2017 के समय का अवतरण
बूढ़ी माँ ने धोकर दाने
आँगन में रख दिए सुखाने
धूप पड़ी तो हुए सुहाने
आई चिड़ियाँ उनको खाने
आओ बच्चो आओ चलकर
बूढ़ी माँ की मदद करें हम
चलो उड़ा दें दानों पर से
बजा बजा कर ताली हम तुम
वर्ना सोचो क्या खाएगी
वह तो भूखी रह जाएगी
चिड़ियों की यह फौज नहीं तो
सब दानें चट कर जाएगी।
आओ बच्चो आओ चलकर
बूढ़ी माँ का काम करें हम
नहीं हैं बच्चे उनके घर में
चलो न चलकर काम करें हम