"क़दम मिला कर चलना होगा / अटल बिहारी वाजपेयी" के अवतरणों में अंतर
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अगर असंख्यक बलिदानों में,<br> | अगर असंख्यक बलिदानों में,<br> | ||
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उन्नत मस्तक, उभरा सीना,<br> | उन्नत मस्तक, उभरा सीना,<br> | ||
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उजियारे में, अंधकार में,<br> | उजियारे में, अंधकार में,<br> | ||
कल कहार में, बीच धार में,<br> | कल कहार में, बीच धार में,<br> | ||
घोर घृणा में, पूत प्यार में,<br> | घोर घृणा में, पूत प्यार में,<br> | ||
− | क्षणिक जीत में, | + | क्षणिक जीत में, दीर्घ हार में,<br> |
− | जीवन के शत-शत | + | जीवन के शत-शत आकर्षक,<br> |
− | अरमानों को | + | अरमानों को ढलना होगा।<br> |
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सम्मुख फैला अगर ध्येय पथ,<br> | सम्मुख फैला अगर ध्येय पथ,<br> | ||
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सब कुछ देकर कुछ न मांगते,<br> | सब कुछ देकर कुछ न मांगते,<br> | ||
पावस बनकर ढ़लना होगा।<br> | पावस बनकर ढ़लना होगा।<br> | ||
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− | कुछ | + | कुछ काँटों से सज्जित जीवन,<br> |
प्रखर प्यार से वंचित यौवन,<br> | प्रखर प्यार से वंचित यौवन,<br> | ||
नीरवता से मुखरित मधुबन,<br> | नीरवता से मुखरित मधुबन,<br> | ||
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जीवन को शत-शत आहुति में,<br> | जीवन को शत-शत आहुति में,<br> | ||
जलना होगा, गलना होगा।<br> | जलना होगा, गलना होगा।<br> | ||
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16:48, 29 अप्रैल 2008 का अवतरण
बाधाएँ आती हैं आएँ
घिरें प्रलय की घोर घटाएँ,
पावों के नीचे अंगारे,
सिर पर बरसें यदि ज्वालाएँ,
निज हाथों में हँसते-हँसते,
आग लगाकर जलना होगा।
क़दम मिलाकर चलना होगा।
हास्य-रूदन में, तूफ़ानों में,
अगर असंख्यक बलिदानों में,
उद्यानों में, वीरानों में,
अपमानों में, सम्मानों में,
उन्नत मस्तक, उभरा सीना,
पीड़ाओं में पलना होगा।
क़दम मिलाकर चलना होगा।
उजियारे में, अंधकार में,
कल कहार में, बीच धार में,
घोर घृणा में, पूत प्यार में,
क्षणिक जीत में, दीर्घ हार में,
जीवन के शत-शत आकर्षक,
अरमानों को ढलना होगा।
क़दम मिलाकर चलना होगा।
सम्मुख फैला अगर ध्येय पथ,
प्रगति चिरंतन कैसा इति अब,
सुस्मित हर्षित कैसा श्रम श्लथ,
असफल, सफल समान मनोरथ,
सब कुछ देकर कुछ न मांगते,
पावस बनकर ढ़लना होगा।
क़दम मिलाकर चलना होगा।
कुछ काँटों से सज्जित जीवन,
प्रखर प्यार से वंचित यौवन,
नीरवता से मुखरित मधुबन,
परहित अर्पित अपना तन-मन,
जीवन को शत-शत आहुति में,
जलना होगा, गलना होगा।
क़दम मिलाकर चलना होगा।