"माडूराम / जनकराज पारीक" के अवतरणों में अंतर
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=जनकराज पारीक |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KK...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 3: | पंक्ति 3: | ||
|रचनाकार=जनकराज पारीक | |रचनाकार=जनकराज पारीक | ||
|अनुवादक= | |अनुवादक= | ||
− | |संग्रह= | + | |संग्रह=थार-सप्तक-5 / ओम पुरोहित ‘कागद’ |
}} | }} | ||
{{KKCatKavita}} | {{KKCatKavita}} |
11:09, 12 जून 2017 के समय का अवतरण
लीरां-लीरां सीम जमारो माडूराम
जिनगाणी नै सज-सिणगारौ माडूराम
भूख गरीबी बिखै भीड़ रो
थारै घर में बासो रे,
सबद सुहाणा घस-घस देवै
थानै मीठो घासो रे।
लेतो रहसी कद ताईं लारो माडूराम।
मीठी नै मत दे हुंकारो माडूराम!!
आंख्या आंसू पीड़ काळजै
होठां हुकम हजुरी रे,
कद ताईं सहसी कितरकार री
मै नत अर मजदुरी रे?
हाकम सा रो हुकम करारो माडूराम।
कद ताई करसी तूं सिरधारो माडूराम !!
किण ताई करसी चोर-लुटेरा
था सूं सीना जोरी रे?
अन्न-धन लिछमी बांध राखसी
कद ताई सहसी किरतकार री
मै नत अर मजदुरी रे?
हाकम सा रो हुकम करारो माडूराम।
कद ताई करसी तूं सिरधारो माडूराम
किण ताईं करसी चोर-लूटेरा
था सूं सीना जोरी रे,
अन्न धन लिछमी बांध राखसी
कद ताई साह तिजोरी रे?
सबद-बाण रो दे टणकारो माडूराम।
खून पिवणियां नै ललकारो माड़ूराम।।