भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"धोखो / सुरेन्द्र डी सोनी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुरेन्द्र डी सोनी |अनुवादक= |संग्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
22:14, 12 जून 2017 के समय का अवतरण
म्हैं
खुद नैं
बीं रूप में
कणा ही कबूल करूं नीं
जीं रूप में
म्हैं हूं -
ईं खातर ही
इण भोडै नैं
जको टोटल ही धोळो हो रैयो है
हफ्तै री हफ्तै
करूं काळो टाळ