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"शिकायतें / आनंद कुमार द्विवेदी" के अवतरणों में अंतर
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20:02, 18 जून 2017 के समय का अवतरण
जब देखो
मेरे आसपास बिखरी पड़ी रहती हैं
मेरी ही अनगिनत शिकायतें
ज्यादातर तुमसे
कुछ ईश्वर से
और कुछ अपने आप से
असल में वो मेरी
उम्मीदें हैं
जो शिकायतों का भेष बनाकर
उन उनसे मिलती हैं
जिनसे वो हैं