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"राग मालश्री २ / निर्वाणानन्द" के अवतरणों में अंतर
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− | षड्गषपरु कालीका दीनु । | + | षड्गषपरु कालीका दीनु । चौसट्ठी जोगीनी माईये ।। |
− | आफुत सोह्रै विस्नुलोकमे जगस्त्र कालीपिजारीये | + | आफुत सोह्रै विस्नुलोकमे जगस्त्र कालीपिजारीये ।।हाहादेवी.।।१।। |
− | एक मुर्ती चार भुजा सहस्त्र नाम भवानीये | + | एक मुर्ती चार भुजा सहस्त्र नाम भवानीये ।। |
− | सकर कजजा धनुक धारीनी दुतीपाषन्जीनी नामवे | + | सकर कजजा धनुक धारीनी दुतीपाषन्जीनी नामवे ।।हाहादेवी.।।२।। |
− | त्रीतीये भुजा कवल सवह्रै चौथी बान जो धारीय चन्दीकारुपले | + | त्रीतीये भुजा कवल सवह्रै चौथी बान जो धारीय चन्दीकारुपले ।। |
− | दैत्यमारीनी रक्त पीवनेती कालीके | + | दैत्यमारीनी रक्त पीवनेती कालीके ।।हाहादेवी.।।३।। |
− | दुर्गारुपले पृथीवीरोकीनी धन्नेइसोरीमाइये | + | दुर्गारुपले पृथीवीरोकीनी धन्नेइसोरीमाइये ।। |
− | तुमारो दा ………………………………(इत्यादि अपूर्ण ) | + | तुमारो दा ………………………………(इत्यादि अपूर्ण ) ।।४।। |
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10:47, 23 जून 2017 के समय का अवतरण
षड्गषपरु कालीका दीनु । चौसट्ठी जोगीनी माईये ।।
आफुत सोह्रै विस्नुलोकमे जगस्त्र कालीपिजारीये ।।हाहादेवी.।।१।।
एक मुर्ती चार भुजा सहस्त्र नाम भवानीये ।।
सकर कजजा धनुक धारीनी दुतीपाषन्जीनी नामवे ।।हाहादेवी.।।२।।
त्रीतीये भुजा कवल सवह्रै चौथी बान जो धारीय चन्दीकारुपले ।।
दैत्यमारीनी रक्त पीवनेती कालीके ।।हाहादेवी.।।३।।
दुर्गारुपले पृथीवीरोकीनी धन्नेइसोरीमाइये ।।
तुमारो दा ………………………………(इत्यादि अपूर्ण ) ।।४।।