भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"निरमल दूहा (6) / निर्मल कुमार शर्मा" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=निर्मल कुमार शर्मा |अनुवादक= |संग...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
11:28, 25 जून 2017 का अवतरण
दया ऊपजे, निरबल खातर
मदद री सारुं, उठे जो हाथ
निरमल सीस नवावे बाँने
जो दे दीन-दुखी रो साथ !!५१!!
आप ने जिण है मानियो
वही जाणियो आप
निरमल, मैं-मैं जो करे
उण घट बसे न आप !!५२!!
निरमल ना जद तक हुवे आतमा
जद तक मनड़ो हुवे ना साफ़
भल छापो तिलक- फिरावो माला
हिवडे वास, करे ना आप !!५३!!
मंदिर- मस्जिद री बात्याँ कर
क्यूँ गेला हो रह्या हो यार
आप चौबारां ना बंधे
बंधे है निरमल मन रे तार !!५४!!
निरमल पूछे आप ने
कठे बस्या है आप
मैं रे मेल स्यूं लथ्पथ्यो
मिले कठे स्यूं आप !!५५!!