भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"हुर्र / निर्मल कुमार शर्मा" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=निर्मल कुमार शर्मा |अनुवादक= |संग...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

11:37, 25 जून 2017 के समय का अवतरण

लाडूडाँ ज्यूँ भुरती ईंटा, पंजीरी ज्यूँ खिरती रेत
घेवर ज्यूँ छिदियोड़ी छातां, पापड़ ज्यूँ फड़फड़ता गेट
सीरे ज्यूँ पसरयोड़ी नालियाँ, डंकोली ज्यूँ बांका पेम्प
कच्चोडी ज्यूँ थोथी सड़काँ, सम्मोसे ज्यूँ तीखा रेम्प
        
 अजब बनाई रचना, थांरी हुर्र बोलू
 थानें इंजीनीयर बतलाऊँ, या हलवाई बोलूं !!