भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"भींत / हरीश हैरी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हरीश हैरी |अनुवादक= |संग्रह=थार-सप...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
22:23, 27 जून 2017 के समय का अवतरण
चौभींतै नै
देख'र
खुस होवंतो घर
आँगणैं बिचाळै
निकळती
भींत नै देखर
टूटग्यो घर!