भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"घर / अशोक परिहार 'उदय'" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अशोक परिहार 'उदय' |अनुवादक= |संग्रह...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
00:27, 28 जून 2017 के समय का अवतरण
घर बणैं
ईंट-भाठां सूं
सीमट-रंग-रोगन सूं
घर पण कद बणैं
बिनां मिनख
इण सारू पै'ली
मिनख तो बण
घर तो
बाद में ई सई।