भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"आस / मनमीत सोनी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मनमीत सोनी |अनुवादक= |संग्रह=थार-स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
00:44, 28 जून 2017 के समय का अवतरण
वो भूलणो चावै
अबार-अबार कटयै
आपरै कनखै नैं
अर लूटणो चावै
एक नूंवों कनखो
वीं री बात और है
पण
म्हैं नीं छोडी है आस
तन्नैं फेरूं पाणैं री
तन्नैं फेरूँ पा ई लेस्यूं म्हैं...
कनखो नीं
कविता होगी है इब थूं।