भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"गूंगिया बादळ / ओम पुरोहित ‘कागद’" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ओम पुरोहित ‘कागद’ |अनुवादक= |संग्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

15:01, 28 जून 2017 के समय का अवतरण

ढोह दी टापरी
बाळ दी बाजरी
मेट दी आस
कर दियो
सैंग सित्यानास
जा रे डोफ्फा
गूंगिया बादळ!

आस ई ही
मुरधरा रो धन
खोस लियो थूं तो
कदै ई इयां
कर्या करै है काईं
इयां ई कोई
बरस्या करै है काईं!