भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"बदळाव / मधु आचार्य 'आशावादी'" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मधु आचार्य 'आशावादी' |अनुवादक= |संग...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

15:58, 28 जून 2017 के समय का अवतरण

जद तांई
गांव रा घर हा कच्चा
गोबर गारै सूं लीप्योड़ा
तद तांई उणां मांय
मिनख हा पक्का
साव सच्चा
भरोसैजोगा
बगत बदळयो
घर बणग्या पक्का
मारबल अर टाल्यां लागगी
टीवी खातर छतरयां टंगगी
घरां साम्हीं मोटरां रमगी
अबै घर हुयग्या पक्का
पण
मिनख हुयग्या कच्चा
घर कच्चा तो मिनख पक्का
घर पक्का तद मिनख कच्चा !