भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"बिसवास / दीनदयाल शर्मा" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दीनदयाल शर्मा |अनुवादक= |संग्रह=र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

07:45, 29 जून 2017 के समय का अवतरण

पिताजी
सूरज उगण सूं
पैलां ईं
घणी काड लेंवता
हळाई खेत में
आंधी सांश्‍ड सूं


पशुआं नै
कित्तौ हुवै बिसवास
आपरै मालक माथै

बै नीं द्यै औळमौ
नीं दीसण रौ

अर
बगै तापडिय़ां
राखै
काम सारू काम।