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"जतन / दुष्यन्त जोशी" के अवतरणों में अंतर

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घणौ जीण सारू
लोग कित्ता करै जतन

नीं जाणै
कै
जग
दरयाव है
दुखां रौ

सगळा
कठै जाणै तिरणौ।