भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"मिनख-१ / दुष्यन्त जोशी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दुष्यन्त जोशी |अनुवादक= |संग्रह=अ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

12:00, 29 जून 2017 के समय का अवतरण

गळ्यां टेडी-मेडी
अर कित्ती संकड़ी है
चालणौ भौत दोरौ है
इणां माथै

पण
बै भी मिनख है
जिका
$खुद बणावै
पगडंडी

बै जठै खड़्या हुवै
लैण बठै सूं सरू हुवै

बा नै लखदाद है
बा नै घणा-घणा रंग
जिका जीतै
बार-बार जंग।