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"आँसू / रामनरेश पाठक" के अवतरणों में अंतर

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13:43, 4 जुलाई 2017 के समय का अवतरण

आंसू, गीत, हँसी,
नया जाल, नयी फाँस.
बसी टिकी, टूटी
नयी प्रीत, नयी रीत
ललकी, मटकी, दरकी,
नयी प्रेयसी, पुरानी मिस
ड्रेसिंग रूम..........
.........क्लब
.........होटल
और
.............सुबह हो गयी.