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"बजी डफली रे / रामनरेश पाठक" के अवतरणों में अंतर
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17:18, 4 जुलाई 2017 के समय का अवतरण
बजी डफली रे
गूँजा वन, पर्वत
गूँजी घाटी रे
बजी डफली रे
उमगी वन-पाँखी
उमगी छाती रे
बजी डफली रे
चंदा सुधि बिसरा
नन्हा मन बिखरा
बोली हँसुली रे
बजी डफली रे
पत्थर परदेसी
पग पग पर हहरा
बजी बाँसुरी रे
बजी डफली रे !