भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"सूरज / ॠतुप्रिया" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ॠतुप्रिया |अनुवादक= |संग्रह=सपनां...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

17:04, 8 जुलाई 2017 के समय का अवतरण


सूरज जी नै
अडीकै
थूं
जद बै करै
जग च्यानणौ
तद
जावै थूं काम सारू
अर अंधारै सूं पैली
पूगै घरां

थूं
म्हारौ सूरज
थां सूं हुवै
घर च्यानणौ।