भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"अडीक / ॠतुप्रिया" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ॠतुप्रिया |अनुवादक= |संग्रह=सपनां...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
17:08, 8 जुलाई 2017 के समय का अवतरण
कदी लुगायां
चिड़्यां नै बाजरी
अर कीड़ी नगरै नै
नाखती आटौ
अबै
घणकरी लुगायां
का तौ
घर रै काम में
रैवै उळझ्योड़ी
का पछै
टीवी रै नाटकां री
भागीदारां नै
रैवै निरखती
पण लागै
कीड़्यां आटै सारू
अर
चिड़्यां बाजरी सारू
अबै भी अडीकै
लुगायां नै।