भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"औळमो / ॠतुप्रिया" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ॠतुप्रिया |अनुवादक= |संग्रह=सपनां...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
17:09, 8 जुलाई 2017 के समय का अवतरण
पाखियां सारू
पळींडौ
बणा तो दियौ
छात माथै
पण
पाखी आज भी तरसै
पाणी सारू
पाखी
किण नै द्यै औळमौ
घर रा
सगळा उळझ्योड़ा है
आप-आप रै
काम में।