भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"सागै सारू / मदन गोपाल लढ़ा" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मदन गोपाल लढ़ा |अनुवादक= |संग्रह=च...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

17:18, 9 जुलाई 2017 के समय का अवतरण

सागै सारू
फगत दो मारग है।

पैलो
कै आप खाथा पगां
चाल'र नावड़ लेवो
आगै जावणियां नैं
का पछै
थावस सूं उडीको-
कै कदास
कोई लारै सूं
आय पूगै
आपरै सागै सारू।