भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"पारखी टीप / मदन गोपाल लढ़ा" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मदन गोपाल लढ़ा |अनुवादक= |संग्रह=च...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
18:15, 9 जुलाई 2017 के समय का अवतरण
म्हारै कवि-जूण री
सै सूं सांतरी कविता नैं
सरायी बां
आपरी पारखी टीप सूं-
'बड़ा बातेरी हो...!'