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हेना रीढ़ बिना विषधर रेंगतेॅ हए | हेना रीढ़ बिना विषधर रेंगतेॅ हए | ||
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22:00, 11 जुलाई 2017 के समय का अवतरण
कछुवा नें
कछुवी सें कहलकै-
रीढ़ विहिन साँप रेंगै छै
आदमी के पासोॅ में
नैतिक या आत्मिक
रीढ़ के हड्डी बचले नै
हेना रीढ़ बिना विषधर रेंगतेॅ हए
लोगोॅ सें
भरलोॅ जाय रहलोॅ छै समाज।