भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"सीपियों के नाम में सारा समंदर लिख गया / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=डी. एम. मिश्र |संग्रह=रोशनी का कारव...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(कोई अंतर नहीं)

16:28, 13 जुलाई 2017 का अवतरण

सीपियों के नाम में सारा समंदर लिख गया।
ग़म मेरा वो शायरी अपनी बनाकर लिख गया।

उस मुसव्विर को ज़रूरत है कहाँ किस रंग की,
मौसमों के रंग जो पत्तों के ऊपर लिख गया।

मैंने क़िस्मत की ज़मीं पर हल चलाया रात -दिन,
कुछ न जब पनपा तो वो मेरा मुक़द्दर लिख गया।

वो अगर शायर नही तो फिर बताओं कौन है,
उम्र भर का दर्द जो पल भर में हँसकर लिख गया।