भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"बता भूईयाँ के भगवान कोन / प्रमोद सोनवानी 'पुष्प'" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रमोद सोनवानी 'पुष्प' |संग्रह= }} {{KK...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
21:51, 20 अगस्त 2017 के समय का अवतरण
बता भूईयाँ के भगवान कोन।
धरती के मितान कोन।
जेहर नई करे गुमान,
दो या ना दो सनमान।
घाम,पानी अऊ जाड़ म,
करत रहिथे जेहर काम।
ओहर भूईयाँ के भगवान ऐ।
धरती के मितान ऐ।
ऐ खेत -खलियान बर,
मजदूर किसान हर।
लड़ गे देख तो जिनगी भर,
भूईयाँ के सनमान बर।
ओहर भूईयाँ के भगवान ऐ।
धरती के किसान ऐ।