भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
लेखक: [[सर्वेश्वरदयाल सक्सेना]]
[[Category:कविताएँ]]
[[Category:सर्वेश्वरदयाल सक्सेना]]
 
~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~
 
खुद कपड़े पहने
 
दूसरे को कपड़े पहने देखना
 
खुद कपड़े पहने
 
दूसरे को कपड़े न पहने देखना
 
खुद कपड़े न पहने
 
दूसरे को कपड़े न पहने देखना
 
तीन अलग- अलग रिश्ते बनाना है
 
इनमें से
 
पहले से तुम्हें मन बहलाना है
 
दूसरे को खोजने जाना है
 
तीसरे के साथ मिलकर
क्रान्ति और सृजन का परचम उठाना है।
 
-- यह कविता [[deepak]] द्वारा कविता कोश में डाली गयी है।<br><br>
Anonymous user