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"जिंदगी की मुसीबत हटा लीजिए / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर

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जिंदगी की मुसीबत हटा लीजिए।
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अब  मुहब्बत का सामां उठा लीजिए।
 
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अब तो अक्सर सुनामी के चर्चे सुनूँ,
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अब तो अक्सर सुनामी के चर्चे सुनूँ
 
आँसुओं का समन्दर बचा लीजिए।
 
आँसुओं का समन्दर बचा लीजिए।
  
बेख़बर इक भटकता हुआ मैं हिरन,
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तीर जब चाहिए तब चला लीजिए।
 
तीर जब चाहिए तब चला लीजिए।
  
ख़ूँ में बेशक़ हमारे है जन्मी ग़ज़ल,
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अपनी स्याही में इसको मिला लीजिए।
 
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रंग उतरे न जो हो पुरानी कभी,
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रंग उतरे न जो हो पुरानी कभी
 
कोई तस्वीर ऐसी बना लीजिए।
 
कोई तस्वीर ऐसी बना लीजिए।
 
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16:27, 23 अगस्त 2017 के समय का अवतरण

जिंदगी की मुसीबत हटा लीजिए
अब मुहब्बत का सामां उठा लीजिए।

अब तो अक्सर सुनामी के चर्चे सुनूँ
आँसुओं का समन्दर बचा लीजिए।

बेख़बर इक भटकता हुआ मैं हिरन
तीर जब चाहिए तब चला लीजिए।

ख़ूँ में बेशक़ हमारे है जन्मी ग़ज़ल
अपनी स्याही में इसको मिला लीजिए।

रंग उतरे न जो हो पुरानी कभी
कोई तस्वीर ऐसी बना लीजिए।