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"वो आदमी बेकार है यह बात भी सही / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर
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− | वो आदमी बेकार है यह बात भी | + | वो आदमी बेकार है यह बात भी सही |
फिर भी वो वफ़ादर है यह बात भी सही। | फिर भी वो वफ़ादर है यह बात भी सही। | ||
− | सरकार से, गरीब को उम्मीद कुछ नहीं | + | सरकार से, गरीब को उम्मीद कुछ नहीं |
फिर भी तो ऐतबार है यह बात भी सही। | फिर भी तो ऐतबार है यह बात भी सही। | ||
− | गोदाम के गोदाम भरे हैं यहाँ मगर | + | गोदाम के गोदाम भरे हैं यहाँ मगर |
भूखों की भी भरमार है यह बात भी सही। | भूखों की भी भरमार है यह बात भी सही। | ||
− | इस दौर में जो चाहिए वो है हमारे पास | + | इस दौर में जो चाहिए वो है हमारे पास |
दामन भी दाग़दार है यह बात भी सही। | दामन भी दाग़दार है यह बात भी सही। | ||
− | वो वाकई में शेर है मिमिया रहा तो क्या | + | वो वाकई में शेर है मिमिया रहा तो क्या |
माया का ये दरबार है यह बात भी सही। | माया का ये दरबार है यह बात भी सही। | ||
− | चुपचाप मैं रहूँ मुझे मन्जूर ही नहीं | + | चुपचाप मैं रहूँ मुझे मन्जूर ही नहीं |
मेरी कलम में धार है यह बात भी सही। | मेरी कलम में धार है यह बात भी सही। | ||
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17:13, 23 अगस्त 2017 के समय का अवतरण
वो आदमी बेकार है यह बात भी सही
फिर भी वो वफ़ादर है यह बात भी सही।
सरकार से, गरीब को उम्मीद कुछ नहीं
फिर भी तो ऐतबार है यह बात भी सही।
गोदाम के गोदाम भरे हैं यहाँ मगर
भूखों की भी भरमार है यह बात भी सही।
इस दौर में जो चाहिए वो है हमारे पास
दामन भी दाग़दार है यह बात भी सही।
वो वाकई में शेर है मिमिया रहा तो क्या
माया का ये दरबार है यह बात भी सही।
चुपचाप मैं रहूँ मुझे मन्जूर ही नहीं
मेरी कलम में धार है यह बात भी सही।