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"मासूम गुल ने हँस के देखा तो तमाशा हो गया / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर
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− | मासूम गुल ने हँस के देखा तो तमाशा हो | + | मासूम गुल ने हँस के देखा तो तमाशा हो गया |
हर तरफ़ ख़ुशबू बिखेरा तो तमाशा हो गया। | हर तरफ़ ख़ुशबू बिखेरा तो तमाशा हो गया। | ||
− | अपना पराया देख करके जख्म नापा जा रहा | + | अपना पराया देख करके जख्म नापा जा रहा |
वो दूसरों का मामला था तो तमाशा हो गया। | वो दूसरों का मामला था तो तमाशा हो गया। | ||
− | आजा़द पंछी को दबोचा कै़द पिंजरे तें किया | + | आजा़द पंछी को दबोचा कै़द पिंजरे तें किया |
फिर आ गये एहसान फ़र्मा तो तमाशा हो गया। | फिर आ गये एहसान फ़र्मा तो तमाशा हो गया। | ||
− | जो सियासत चल रही है सब हमें मालूम है | + | जो सियासत चल रही है सब हमें मालूम है |
दिल खेालकर रोना जो चाहा तो तमाशा हो गया। | दिल खेालकर रोना जो चाहा तो तमाशा हो गया। | ||
− | जब ज़रूरत थी किसी ने हाल तक पूछा नहीं | + | जब ज़रूरत थी किसी ने हाल तक पूछा नहीं |
जब मेरा निकला जनाज़ा तो तमाशा हो गया। | जब मेरा निकला जनाज़ा तो तमाशा हो गया। | ||
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17:20, 23 अगस्त 2017 के समय का अवतरण
मासूम गुल ने हँस के देखा तो तमाशा हो गया
हर तरफ़ ख़ुशबू बिखेरा तो तमाशा हो गया।
अपना पराया देख करके जख्म नापा जा रहा
वो दूसरों का मामला था तो तमाशा हो गया।
आजा़द पंछी को दबोचा कै़द पिंजरे तें किया
फिर आ गये एहसान फ़र्मा तो तमाशा हो गया।
जो सियासत चल रही है सब हमें मालूम है
दिल खेालकर रोना जो चाहा तो तमाशा हो गया।
जब ज़रूरत थी किसी ने हाल तक पूछा नहीं
जब मेरा निकला जनाज़ा तो तमाशा हो गया।